Not known Facts About bhairav kavach
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यह बटुक भैरव ब्रह्म कवच शत्रुओं, परेशानियों और समस्याओं को बेअसर करने का एक शक्तिशाली अस्त्र है।
भक्तियुक्तेन मनसा कवचं पूजयेद्यदि ॥ २५॥
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साधक कुबेर के जीवन की तरह जीता है और हर जगह विजयी होता है। साधक चिंताओं, दुर्घटनाओं और बीमारियों से मुक्त जीवन जीता है।
॥ इति श्रीरुद्रयामलोक्तं श्रीबटुकभैरवब्रह्मकवचं सम्पूर्णम् ॥
वाद्यं बाद्यप्रियः पातु भैरवो नित्यसम्पदा।।
दीप्ताकारं विशदवदनं सुप्रसन्नं त्रिनेत्रं
click here पूर्वस्यामसितांगो मां दिशि रक्षतु सर्वदा ।
यः पठेच्छृणुयान्नित्यं धारयेत्कवचोत्तमम् ॥ २२॥
उन्मत्तभैरवः पातु हृदयं मम सर्वदा ॥ १७॥
इसका जप कवच से पहले और बाद में ११ या २१ बार करें ॥
योऽपरागे प्रदाता वै तस्य स्यादतिसत्वरम् ॥ ३१॥
गोपनीयं प्रयत्नेन तत्त्वात् तत्त्वं परात्परम् ।